सूरज से गुफ्तगू #46

अभी तो दिखा था तू फिर छुप गयामोहब्बत है मुझसे कह कर फिर चला गयाअब तक इतनी चाय पिलाई है, आज तू भी एक घूट पीलानशा तो तुजपे भी चढ़ गया है, अब तो ये शर्म हटा Read More: सूरज से गुफ्तगू #45 PS: Merry Christmas everyone.

सूरज से गुफ्तगू #36

ज़िम्मेदारियों का बोज नहींसिर्फ तेरे न होने का है,खुशियों की खोज नहींसिर्फ तेरे साथ का है. Read More: सूरज से गुफ्तगू #35

सूरज से गुफ्तगू #26

अब दूर दूर बैठ कर बातें नहीं होंगीअब तो मुलाकाते होंगीअब बेज़ुबान रात नहीं होंगीअब तो सन्नाटो में भी शरारत होगीबहुत रो ली मेरी आँखे तेरे बगैरबहुत तोड़ लिया अपना दिल, तूने मेरे बगैरतनहा न तू होगा न अब मैंशायद इसलिए, ए सूरज, आया है अब अपना समयअब सिर्फ आँखों आँखों में बातें नहीं होंगीधीरेContinue reading “सूरज से गुफ्तगू #26”