सूरज से गुफ्तगू #47

सुना है मिलने वाले ख्वाबो में भी मिल जाते हैतुम भी आते हो मिलनेधीमे धीमे ख्वाबो को सजोनेभीनी ज़ुल्फो की चादर तलेआँखों से नींद चुराएपर जैसे ही तुम्हारा हाथ थामुतो न जाने कहा गायब हो जाते होमानो जैसे ख्वाबो में ही मोहब्बत करते होसुना है मिलने वाले ख्वाबो में भी मिल आते हैकभी उन ख्वाबोContinue reading “सूरज से गुफ्तगू #47”